चीन से ज्यादा मेडल लाएंगे देश के खिलाड़ी : केजरीवाल
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दावा कि दिल्ली खेलकूद विश्वविद्यालय से निकले छात्रों की बदौलत देश चीन से ज्यादा मेडल लाकर दिखाएगा। विश्वविद्यालय देशभर के खिलाड़ियों के लिए मक्का मदीना साबित होगा। केजरीवाल सोमवार को विधानसभा में पेश दिल्ली खेलकूद विश्वविद्यालय विधेयक पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे। बाद में सदन ने ध्वनिमत से विधेयक को पारित कर दिया।
केजरीवाल ने बताया कि बीते 70 साल में ओलंपिक खेलों में भारत को कुल 28 मेडल मिले हैं, जबकि चीन के खिलाड़ियों ने सिर्फ 2016 के ओलंपिक में 70 मेडल जीते। वहीं, दूसरे छोटे-छोटे देशों का भी प्रदर्शन भारत से बेहतर रहा है। इसे तकलीफदेह बताते हुए केजरीवाल ने सवाल किया कि क्या अपना देश अन्य देशों से कम है? नहीं, अपना देश पृथ्वी पर सबसे बेहतर है। भगवान ने सबसे बेहतरीन लोग भारत को दिए हैं। कमी सरकारी व्यवस्था में है। जो सुविधा दूसरे देशों में खिलाड़ियों को मिलती है, वह भारत में नहीं मिलती।
केजरीवाल ने कहा कि इसी माहौल से उबरने के लिए खेलकूद विश्वविद्यालय विधेयक सदन में पेश किया गया है। हमारा सपना है कि खिलाड़ी ओलंपिक में चीन से ज्यादा मेडल लेकर आएं। जिस तरह शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी सरीखे क्षेत्रों में असंभव से दिखने वाले कार्यों को दिल्ली सरकार ने पांच साल में कर दिखाया, उसी तरह यह कार्य भी पूरा होगा। चीन को पदक पाने में 32 साल लग गए थे, भारतीय खिलाड़ी इससे कम समय में यह कर दिखाएंगे। उन्होंने चुटकी ली कि यह काम उनके जीते जी हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि विश्वविद्यालय नेता व अधिकारी नहीं चलाएंगे। इसकी जगह समर्पित खिलाड़ियों को टीम विश्वविद्यालय का संचालन करेगी। तेजी से फैसले होंगे और खिलाड़ियों को तैयार करने में फंड आड़े नही आएगा। दिल्ली के पैसों से बन रहे इस विश्वविद्यालय में दिल्ली के बच्चों को प्राथमिकता मिलेगी, लेकिन देश के खिलाड़ी भी यहां आएंगे।
राष्ट्रीय खेलों में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं दिल्ली के बच्चे : सिसोदिया
विधेयक पेश करते हुए मनीष सिसौदिया ने कहा कि दिल्ली के स्कूलों के बच्चे राष्ट्रीय खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार मिशन एक्सीलेंस समेत दूसरी योजनाओं के सहारे उनको प्रोत्साहन भी दे रही है। सरकार का सपना है कि अंतरराष्ट्रीय खेलों में दिल्ली के खिलाड़ी अपना नाम रोशन करें। विश्वविद्यालय खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारेगा। दिल्ली सरकार विश्वविद्यालय में अभी से 2024 के फ्रांस ओलंपिक की तैयारी करवाएगी। हमारा लक्ष्य है कि 2024 के ओलंपिक में विश्वविद्यालय से निकले खिलाड़ी तीन और 2028 के ओलंपिक में दस पदक जीतकर लाएं।
भाजपा विधायक हुए हमलावर
चर्चा में शामिल होते हुए भाजपा विधायक एमएस सिरसा ने कहा कि विश्वविद्यालय को कागज पर आते हुए पांच साल लग गए हैं। अब जब यह विधानसभा आखिरी बार बैठ रही है तो इससे जुड़ा विधेयक पेश किया गया है और इसी के लिए सरकार बधाई ले रही है। सिरसा ने सवाल किया कि दिल्ली सरकार बताए कि उसने बच्चों को खिलाड़ी बनाने के लिए अभी तक क्या किया है। किस बच्चे को खेलकूद के लिए तैयार किया है।
90 एकड़ में होगा विश्वविद्यालय का विस्तार
विश्वविद्यालय का निर्माण मुंडका में 90 एकड़ जमीन पर होगा। यहां स्कूल स्तर से लेकर पीएचडी तक की डिग्री दी जाएगी। डिग्री खेलों में प्रदर्शन के आधार मिलेगी। साथ ही खेल में भविष्य बनाने वाले युवा इस डिग्री के सहारे प्रतियोगी परीक्षाओं में भी बैठ सकेंगे। विशेषज्ञों की टीम कोर्स तय करेगी।
विश्वविद्यालय में स्कूल से ही दाखिला मिलेगा। स्कूल में दाखिला लेने वाले बच्चों को फिर किसी दूसरी परीक्षा को पास होने की चिंता नहीं करनी होगी। यह विश्वविद्यालय की जिम्मेदारी होगी कि बच्चे को अंतरराष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी बनाने के साथ उसे डिग्री भी मिले। स्कूल स्तर के शिक्षण के लिए इसकी सीबीएसई से संबद्धता होगी।
राज्य विश्वविद्यालय का होगा दर्जा
दिल्ली खेलकूद विश्वविद्यालय (डीएसयू) को राज्य विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित किया जाएगा। विश्वविद्यालय खेल का एक व्यापक इको-सिस्टम तैयार करेगा। इसमें स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर शिक्षा और अनुसंधान होंगे। विभिन्न खेलों में पेशेवर उत्कृष्टता के लिए सिस्टम और प्रक्रियाएं बनाना, कौशल विकास, खेल मनोरंजन और सामुदायिक गतिविधियां करना, प्रारंभिक चरण के खेल के लिए संस्थागत तंत्र विकसित करना और प्रतिभा विकास का प्रावधान होगा।
उपराज्यपाल होंगे चांसलर
दिल्ली खेलकूद विश्वविद्यालय के चांसलर दिल्ली के उपराज्यपाल होंगे। जबकि राष्ट्रपति का दर्जा विजिटर का होगा। राष्ट्रीय स्तर के संस्थान में प्रशासनिक अनुभव के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी को वाइस चांसलर बनाया जाएगा। नियुक्ति पांच साल के लिए होगी। चयन तीन सदस्यों की एक खोज सह चयन समिति करेगी। विश्वविद्यालय के कामकाज का एक नियमबद्ध तरीका होगा। विधियों और विनियमों को तय करने और विश्वविद्यालय की वार्षिक रिपोर्ट सरकार को पेश करने के साथ विधानसभा में पेश करने का प्रावधान किया गया है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में एक करोड़ रुपये का प्रावधान इसके लिया किया गया है।